बीकानेर जिला Gk (Bikaner District Gk)
🔷️प्राचीन नाम- जांगलप्रदेश, राती घाटी
🔷️1488 मे राव बीका ने बीकानेर शहर की स्थापना की।
बीकानेर मे सामंतो की तीन श्रेणियां थी।
1) प्रथम श्रेणी मे वंशानुगत सामंत जो राह दिखा के परिसर में थे।
2) दूसरी श्रेणी में रक्त संबंधी वंशानुगत सामंत।
3) तृतीय श्रेणी में अन्य राजपूत समाज भेजो बीकानेर में राठौड़ वंश स्थापित होने से पूर्व शासक परिवार के सदस्य थे।
उस्ता कला या मुनव्वती
- ऊँट की खाल पर सोने एवं चाँदी का कलात्मक चित्रांकन व नक्काशी का काम उस्ता कला कहलाती है।
- उस्ता कला बीकानेर की प्रसिद्ध है।
- बीकानेर का उस्ता परिवार इस कार्य के लिए प्रसिद्ध है।
- हिसामुद्दीन उस्ता इस कला के सिद्धहस्त कलाकार थे 1986 मे इन्हे पद्मश्री से सम्मानित किया गया।
मथैरण कला
- धार्मिक स्थलो एवं पौराणिक कथाओ पर आधारित विभिन्न देवी-देवताओ के आकर्षण भित्ति चित्र, ईसर, तोरण, गणगौर आदि का निर्माण व इन्हे विभिन्न आकर्षण रंगो से सजाने की कला जो बीकानेर क्षेत्र मे अधिक प्रचलित है।
करणीमाता - देशनोक, बीकानेर
- जन्म - 1387ई
- जन्म स्थल- सुवाप गाँव (जोधपुर)
- पिता - मेहाजी
- जाति - चारण
- बचपन का नाम- रिद्धि बाई
- इनका विवाह देशनोक बीकानेर मे दीपाजी से हुआ, तो इन्होंने वैवाहिक जीवन का त्याग कर दिया।
- करणी माता के दत्तक पुत्र लक्ष्मण की कोलायत झील में डूब कर मृत्यु हो गई इसलिए चारण जाति के लोग कोलायत झील में कभी स्नान नही करते व सावन पूर्णिमा को रक्षाबंधन त्योहार नहीं मनाते।
- 12/05/1459 को इन्होंने मेहरानगढ़ दुर्ग की नींव रखी।
- राव बीका ने करणी माता के आशीर्वाद से गोडमदेसर नामक स्थान पर बीकानेर की स्थापना की।
- करणी माता का प्रारंभिक पूजा स्थल नेहडी नामक स्थल बीकानेर में है।
- 1538 में 151 वर्ष की आयु में करणी माता ने घिनेरू की तलाई नामक स्थान पर दियात्रा गाँव मे अपने प्राण त्याग दिए।
- करणी माता की गुफा - दियात्रा (बीकानेर)
- करणी माता का मन्दिर- देशनोक बीकानेर
- मंदिर का निर्माण कार्य राव बीकानेर शुरू किया किंतु सूरत सिंह ने इसे पूर्ण करवाया।
- मठ - करणी माता का मंदिर
- यह चारण जाति की कुलदेवी मानी जाती है।
- इन्हें चूहों की देवी कहा जाता है।
- करणी माता के मंदिर के सफेद चूहे को काबा कहा जाता है।
- प्रतीक चिन्ह- सफेद चील
- गीत - चिरजा
- इन्हें ओला कृषि की रक्षक देवी माना जाता है।
जसनाथी सम्प्रदाय
जसनाथजी - 1482, कतरियासर(बीकानेर)
बचपन का नाम- जसवंत
पिता - हम्मीर
माता - रूपादे
गुरू - गौरखनाथ
1504 में इन्होंने जसनाथी संप्रदाय की स्थापना की।
इस संप्रदाय में कुल 36 नियम है।
संप्रदाय में मोर पक्षी एवं जाल के वृक्ष को पवित्र माना गया है।
इस संप्रदाय के लोग गले मे उन का धागा पहनते हैं
इनकी आराधना में अग्नि नृत्य किया जाता है।
हारोजी व जियोजी जसनाथी संप्रदाय को मानने वाले प्रथम व्यक्ति थे।
प्रमुख ग्रंथ- सिंभुदडा, कोंडा,
24 वर्ष की आयु में इन्होने (कतरियासर) बीकानेर मे समाधि ले ली। अश्विन शुक्ल सप्तमी को यहां पर जसनाथ जी का मेला भरता है।
कोलायत झील - बीकानेर
उपनाम - मरूस्थल का सुन्दर मरू उद्यान
इस झील के किनारे कपिल मुनि का आश्रम बना हुआ है। यहा पर प्रतिवर्ष कार्तिक पूर्णिमा को मेला भरता है। यहा पर चारण जाति के लोग नहीं जाते हैं।
गजनेर झील
भांडाशाह का जैन मंदिर
हेरम्भ गणेशजी
लालगढ पैलेस
जुनागढ दुर्ग- बीकानेर
- उपनाम - जमीन का जेवर
- निर्माण- रायसिंह (1589-94)
- श्रेणी - धान्वय
- वास्तुकार- कर्मचंद
- प्रवेश द्वार- सुरजपोल व कर्णपोल
- इस दुर्ग के मुख्य द्वार पर गजारूढ जयमल व फत्ता की मूर्तियां लगी हुई है।
- यह दुर्ग सूरसागर झील के किनारे स्थित है।
- दुर्ग में सर्वप्रथम लिफ्ट लगाई गई।
- अनूप सिंह ने इस दुर्ग में 33 करोड़ देवी देवताओं का मंदिर बनवाया।
- रतन सिंह ने इस दुर्ग में लक्ष्मीनारायण जी के मंदिर का निर्माण करवाया।
- अनुप महल- इस दुर्ग में अनूप सिंह ने अनूप महल का निर्माण करवाया, बीकानेर के राजाओं का राज्य अभिषेक इसी महल में होता था।
- बादल महल - किस दुर्ग में बादल महल स्थित है यह सोने की नक्कासी हेतु प्रसिद्ध है।
- महाराणा गंगा सिंह ने यहां पर राज विलास महल की स्थापना की।
- यहा पर राजस्थान की पहली लिफ्ट लगाई गई है।
अनुप पुस्तकालय
- अनूप सिंह ने इस महल में अनूप पुस्तकालय की स्थापना करवाई, राणा कुंभा के ग्रंथ इसी पुस्तकालय में संग्रहित है।
- एल पी टेस्सीटोरी द्वारा खोजे गए समस्त ग्रंथ इसी संग्रहालय में संग्रहित है।
लुणकरणसर झील - बीकानेर
गजनेर झील - बीकानेर
🔷️पाटा संस्कृति- लकड़ी के बड़े-बड़े पाटो पर बैठकर की जाने वाली राजनीतिक एवं सामाजिक चर्चाएँ।
🔷️एशिया की सबसे बडी ऊन मंडी यही स्थित है।
🔷️पाकिस्तान के साथ सबसे कम अंतर्राष्ट्रीय सीमा (168 किमी) बीकानेर की है।
🔷️बीकानेर मे कोई नदी नही है।
🔷️यहा के भूजिया, पापडव रसगुल्ले प्रसिद्ध है, बीकानेरी भूजिया को Gi tag प्राप्त है।
🔷️केशवानंद कृषि विश्वविद्यालय
🔷️राजस्थान का दूसरा ताजमहल" — रायमलोत का थडा ( कल्ला रायमलोत जो राव चन्द्रसेन का भतीजा था की स्मृति में इसका निर्माण करवाया गया।
🔷️ऑक्सीजन मित्र कार्यक्रम की शुरूआत बीकानेर मे हुई।
🔷️ऊँट महोत्सव का आयोजन बीकानेर मे किया जाता है।
🔷️राजस्थान मे सर्वाधिक मूँगफली का उत्पादन बीकानेर मे होता है।
🔷️किसानो को जागरूक करने हेतु माटी योजना बीकानेर मे चलाई जा रही है।
🔷️खाजूवाला बीकानेर मे 25 सितम्बर 2022 से प्रति रविवार बीटिंग द रिट्रीट सेरेमनी का आयोजन किया जाएगा।
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